Sunday, November 25, 2018

डिप्रेशन से हो रही है चीज़ों को भूलने की ये गंभीर बीमारी और दिमाग वक्त से पहले बूढ़ा., आखिर ऐसा क्यों?

डिप्रेशन से हो रही है चीज़ों को भूलने की ये गंभीर बीमारी और दिमाग वक्त से पहले बूढ़ा..
डिमेंशिया की बीमारी बल्कि लक्षण है. इसमें व्यक्ति चीज़ें भूलने लगता है. रोज़ाना के छोटे-मोटे काम उसे याद नहीं रहते, बोलने में दिक्कत, खाना ठीक से ना चबाना, चलने में परेशानी और आक्रामक होना जैसे लक्षण शामिल हैं.

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नई दिल्ली: अवसाद (Depression) ना आपको बीमार बनाता है बल्कि उससे आपका दिमाग भी वक्त से पहले बूढ़ा हो रहा है. इतना ही नहीं डिप्रेशन से डिमेंशिया होने का खतरा भी बढ़ जाता है. यह बात एक रिसर्च में सामने आई है. इसके मुताबिक डिप्रेशन की ज्यादा दवाइयां लेने वालों में डिमेंशिया होने की बहुत संभावना रहती है. चाहे ये दवाएं इस बीमारी का पता लगने से 20 साल पहले ही क्यों ना ली गई हों.


इस रिसर्च के मुताबिक डिमेंशिया से पीड़ित 65 वर्ष से ज्यादा के 40,770 मरीजों और 2,83,933 ऐसे मरीजों का चिकित्सीय रिकॉर्ड खंगाला जिन्हें यह बीमारी नहीं थी. इसके लिए उन्होंने रिकॉर्ड में दर्ज दो करोड़ 70 लाख चिकित्सीय पर्चों का विश्लेषण किया. उन्होंने ऐसे मरीजों में डिमेंशिया की व्यापकता ज्यादा देखी जिन्हें अवसादरोधी , मूत्राशय और पार्किन्सन बीमारी से जुड़ी एंटीकोलीनेर्जिक दवाओं के सेवन की सलाह दी गई.

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अमेरिका की इंडियाना यूनिवर्सिटी के नोल कैंपबैल ने बताया, एंटीकोलीनेर्जिक वे दवाएं हैं जो तंत्रिका तंत्र के तंत्रिकासंचारक एसिटाइलकोलीन को अवरोधित करता है और उसे पूर्व में भी ज्ञान संबंधी विकार का संभावित कारण मानने के संकेत मिलते रहे. कैंपबेल ने आगे कहा, यह अध्ययन इन दवाओं के लंबे समय तक पड़ने वाले प्रभाव का आकलन करने और डिमेंशिया का पता लगने से कई साल पहले ही होने वाले नुकसान को बताने के लिए पर्याप्त है.


डिमेंशिया क्या है?
डिमेंशिया की बीमारी बल्कि लक्षण है. इसमें व्यक्ति चीज़ें भूलने लगता है. रोज़ाना के छोटे-मोटे काम उसे याद नहीं रहते, बोलने में दिक्कत, खाना ठीक से ना चबाना, चलने में परेशानी और आक्रामक होना जैसे लक्षण शामिल हैं. शुरुआत में इसके लक्षण नहीं पता चलते, लेकिन बाद में मरीज के साथ रहने वाले इस पर गौर करते हैं. डिमेंशिया के लक्षण कई रोगों के कारण पैदा हो सकते है. ये सभी रोग मस्तिष्क को हानि पहुंचाते हैं.
डिमेंशिया क्यों होता है


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हाल ही हुई एक रिसर्च के मुताबिक धूम्रपान और शराब का अधिक सेवन जीवन भर के लिए डिमेंशिया का कारण बन सकता है. इसके साथ ही डिप्रेशन की दवाइयों का ज्यादा सेवन भी डिमेंशिया का खतरा बना रहता है. चाहे ये दवाएं इस बीमारी का पता लगने से 20 साल पहले ही क्यों न ली गई हों. (Source & credit goes to https://khabar.ndtv.com/ Written by: , Visit for more Update)  अगर आप और भि इस तरह के इनफार्मेशन की जानकारी चाहते है to इस BHARTI PEOPLE को  ही follow करे: विजिट HOME to get दिन भर की बड़ी खबर: www.bhartipeople.com Thanks for visit again.

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