Saturday, November 24, 2018

अगर आप भि साबुन और टूथपेस्ट का इस्तेमाल करते है, तो आपको भि हो सकती है जानलेवा बीमारी.. जल्दी पढ़िए पूरी जानकारी..

टूथपेस्ट और साबुन में पाई जाने वाली इस चीज़ से हो सकती है ये जानलेवा बीमारी

एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल तत्व ट्राइक्लोसन के इस्तेमाल से कोलन (बड़ी आंत) में सूजन व कैंसर पैदा हो सकता है.

टिप्पणियां:-
टूथपेस्ट और साबुन में पाई जाने वाली इस चीज़ से हो सकती है ये जानलेवा बीमारी
टूथपेस्ट के ट्राइक्लोसन से कोलन कैंसर का खतरानई दिल्ली: क्या आपने सोचा है कि टूथपेस्ट और हाथ धोने वाला साबून भी कैंसर का कारण बन सकते हैं. जी हां, एक रिसर्च में पाया गया कि इन दोनों में पाया जाने वाला एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल तत्व ट्राइक्लोसन के इस्तेमाल से कोलन (बड़ी आंत) में सूजन व कैंसर पैदा हो सकता है.
रिसर्च के दौरान ट्राइक्लोसन का प्रयोग चूहों पर किया गया. शोध के निष्कर्ष में कहा गया है कि थोड़े समय के लिए ट्राइक्लोसन की कम मात्रा से कोलन से जुड़ी सूजन शुरू हुई और कोलाइटिस से जुड़ी बीमारी बढ़ने लगी और कोलन से जुड़ा हुआ कैंसर चूहों में देखा गया.


अमेरिका के मैसाचुएट्स-एमहेस्र्ट विश्वविद्यालय के गुओडोंग झांग ने कहा, "इन परिणामों से पहली बार पता चला है कि ट्राइक्लोसन का आंत के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है." पिछले शोध से पता चला था कि ट्राइक्लोसन की अधिक मात्रा का जहरीला प्रभाव पड़ता है, लेकिन स्वास्थ्य पर इसके कम मात्रा का प्रभाव अस्पष्ट था.

इस नए शोध के लिए दल ने चूहों को ट्राइक्लोसन की विभिन्न मात्रा वाले आहार खिलाया. इसके परिणामों से पता चलता है कि मानव के खून के नमूनों की मात्रा वाले ट्राइक्लोसन की मात्रा चूहों पर इस्तेमाल करने से नियंत्रित जानवरों (चूहों) की तुलना में कोलन की सूजन ज्यादा विकसित दिखाई देती है. इसके बाद और ट्राइक्लोसन के इस्तेमाल से चूहों में कोलन संबंधी सूजन और गंभीर हो गई. (इनपुट - आईएएनएस)

xxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxx

रूस लगाएगा पता, क्या अमेरिकी वाकई गए थे चांद पर

रूस की रोस्कोसमोस अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा है कि चांद पर जाने वाले रूस के प्रस्तावित मिशन का काम यह सत्यापित करना होगा कि क्या वास्तव में अमेरिकी चांद पर पहुंचे हैं.
मॉस्को: रूस की रोस्कोसमोस अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा है कि चांद पर जाने वाले रूस के प्रस्तावित मिशन का काम यह सत्यापित करना होगा कि क्या वास्तव में अमेरिकी चांद पर पहुंचे हैं. दिमित्री रोगोजिन ने शनिवार को ट्वीटर पर पोस्ट किए एक वीडियो में कहा कि हमने यह सत्यापित करने के लिए एक उपकरण तैयार किया है कि वे (अमेरिकी) वहां गए भी थे या नहीं. रोगोजिन उस सवाल का जवाब दे रहे थे जिसमें पूछा गया था कि नासा


 करीब 50 साल पहले क्या वास्तव में चांद पर गया था या नहीं. रूस में नासा के चांद मिशनों को लेकर संदेह आम है. सोवियत संघ ने 1970 के दशक के मध्य में अपने चंद्र कार्यक्रम को छोड़ दिया था क्योंकि चांद पर भेजे जाने वाले चार प्रयोगात्मक रॉकेटों में विस्फोट हो गया था. (Source & Credit https://khabar.ndtv.com please visit for more Update thank you.) and also Keep reading and more big news update please visit here to BHARTI PEOPLE our OFFICIAL SITE www.bhartipeople.com Click On HOME

No comments:

Post a Comment

Apply now for jobs for 12th grade graduates.

  Apply now for jobs for 12th grade graduates. Nuclear Power Corporation India Ltd (NPCIL) has issued a call for applications (NPCIL Rec...