स्वास्थ रहिए:-
आयुबेदिक टोटका चिकित्सा:-
औषध-परिचय अर्शकल्प बटीका : कुछदिन यह लगातार प्रयोग करने से अर्श, शानि से मक्त हो जाएँगे। इससे अर्शजनित शूल, जलन व दर्द भी दूर होगा..टिप्पड़ी : यह सेवन करने से किडनि से पत्थर व मत्रा पत्थर-इत्यादि धो-धोकर बाहर निकलते है। धीरे-धीरे पत्थर होने का अंध निश्चित रूप से बन्द होगी। किडनि में कई भी तकलीफ हो, वह भी दर जाएगी। यह, पित्ताशय की पत्थर में भी लाभदायक हैं।
कायाकल्प तेल : खुजली, रिंग बर्म (दाद), श्वेत-कोड़, सोरियासिस, स्किन अलरजी, सनबेन इत्यादि त्वचा की रोगों में लाभदायक हैं।
हाथ-पाँव फटना, जलना, चोट इत्यादि में यह लगाने से लाभ होगी। यह तेल घर-घर में रखने की एक दिव्य औषध (दिव्यौबध) हैं। | केश तेल : यह बालों के लिए अमृत समान हैं। बालों की गिरना, (रूषिद) खुशकी, गंजा होना आदि से बचाता हैं। यह, घने, काले, स्वस्थ बालों के लिए और बालों को गिरने से बचाने के लिए आवश्यक हैं।
कई दिव्य जटि-बूटियों से बनाया गया इस तेल आँखों की शक्ति तथा मस्तिष्क की शीतलता एवं प्रदान करने में सफल हैं।
मोटापन तथा डायबेटीस में लाभदायक दलिया उपकरण : गेहूँ 2 के. जी, बाजरा 1 के. जी, चावल है के जी, मूंग की डाल 2 के. जी।
ये सव मिलाकर सेंक लीजिए और दलिया बनाइए। इस में 25 ग्राम अजुबान एवं 50 ग्राम सफेद तिल मिलाईए। । प्रयोजनानुसार प्रायः 50 ग्राम दलिया में 400 ग्राम पानी मिलाकर, स्वादानुसार सब्जियाँ और नमक मिलाईए। 15 दिन से 30 दिन तक इस दलिया सेवन करने से शरीर की वजन कम हे जाएगा। छानि एवं ग्लुकोमा के लिए महौषध है-'नेत्रज्योति''
Eye Drops उपकरण ; सफेद पियाज़ की रस 10 ml, या 2 चामच, अद्रक-रस 10 ml. या 2 चामच निम्बू-रस 10 ml, था 2 चामच, शहद 10 ml,
सभी एकसाथ मिलाकर हर रोज एक से दो बूंद, आंखों में डालिए। छानि फट जाती है। ग्लुकोमा से पीड़ित के आखों धीरे-धीरे ठीक होंगे। | यह औषध आश्रम (आशम) में “दिव्य नेत्रज्योति' नाम से मिलती है। विशेष रूप से प्रस्तुत किया गया यह औषध की उपयोग से कई लोगों को राहत मिली है।
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