INDW vs ENGW: हरमनप्रीत कौर ने कहा, मिताली राज को न खिलाने का कोई अफसोस नहीं , पूरी जानकारी पढ़िए !
टॉस के समय हरमनप्रीत ने कहा था कि यह मिताली के चयन की बात नहीं है, यह विजयी संयोजन को बनाए रखना है. इस फैसले पर इंग्लैंड के पूर्व कप्तान नासिर हुसैन और पूर्व भारतीय बल्लेबाज संजय मांजरेकर ने कमेंट्री करते हुए सवाल उठाए
एंटिगा:
मिताली राज जैसी अनुभवी खिलाड़ी को अहम मुकाबले से बाहर रखने का फैसले के कारण भले ही भारत को आईसीसी महिला विश्व टी20 सेमीफाइनल में इंग्लैंड से शर्मनाक हार झेलनी पड़ी लेकिन कप्तान हरमनप्रीत कौर ने कहा कि उन्हें इस फैसले पर कोई खेद नहीं क्योंकि इसे टीम के हितों को ध्यान में रखकर लिया गया था. भारतीय बल्लेबाज शुक्रवार को इंग्लैंड के खिलाफ खेले गए सेमीफाइनल मुकाबले में बुरी तरह नाकाम रहीं और पूरी टीम 112 रन पर सिमट गई. उसके आखिरी आठ विकेट 24 रन के अंदर गिरे और मैच के दौरान डगआउट में मायूस बैठीं मिताली का चेहरा पूरी कहानी कह रहा था.
टॉस के समय हरमनप्रीत ने कहा था कि यह मिताली के चयन की बात नहीं है, यह विजयी संयोजन को बनाए रखना भर है. लेकिन इस फैसले पर इंग्लैंड के पूर्व कप्तान नासिर हुसैन और पूर्व भारतीय बल्लेबाज संजय मांजरेकर ने कमेंट्री करते हुए सवाल उठाए. और ये सवाल मैच के परिणाम के बाद पूरी तरह दो सौ फीसदी सही साबित हुए. लेकिन हरमनप्रीत ने अपने निर्णय का बचाव किया. हरमनप्रीत ने मैच के बाद कहा कि हमने जो भी फैसला किया वह टीम के हित में किया. कई बार यह सही रहता है और कई बार नहीं. मुझे इसका खेद नहीं है. हमारी टीम ने पूरे टूर्नामेंट में जिस तरह से बल्लेबाजी की उस पर मुझे गर्व है. बहरहाल, जहां मिताली के स्ट्राइक रेट पर हमेशा सवाल उठाए जाते रहे हैं, लेकिन तानिया भाटिया भी तेजी से रन नहीं बना पा रही थी और वेदा कृष्णमूर्ति अच्छी फार्म में नहीं चल रही थी. ऐसे में सेमीफाइनल मुकाबले में एक अनुभवी बल्लेबाज को बाहर रखना भारत पर भारी पड़ गया.
हरमनप्रीत ने कहा कि यह हमारे लिए सीख है क्योंकि हमारी टीम युवा है. कई बार आपको विकेट के हिसाब से अपना खेल बदलना पड़ता है. इंग्लैंड ने वास्तव में अच्छी बल्लेबाजी की तथा विकेट को अच्छी तरह से समझा. लक्ष्य हासिल करना आसान नहीं था और हमारी गेंदबाजों ने भी अच्छी गेंदबाजी की. हम 18वें ओवर तक मैच खींचकर ले गईं. उन्होंने स्वीकार किया कि बड़े मैचों में मानसिक मजबूती एक मसला है और उनकी युवा टीम को इसमें खुद को बेहतर करना होगा.
रमनप्रीत ने कहा कि हमारी टीम युवा है और हमें मानसिक मजबूती पर काम करने की जरूरत है. अगर हम दबाव में खेलना सीख जाएं तो हमें पता चल जाएगा कि ऐसे मैचों में कैसे खेलना है. (Source & credit https://sports.ndtv.com/ visit for more update) पुरे दिन भर के बड़ी ख़बर की जानकारी के लिए यंहा विजिट करे; BIG News विथ follow थिस आवर official site www.bhartipeople.com (BHARTI PEOPLE) thank you visit again.
टॉस के समय हरमनप्रीत ने कहा था कि यह मिताली के चयन की बात नहीं है, यह विजयी संयोजन को बनाए रखना है. इस फैसले पर इंग्लैंड के पूर्व कप्तान नासिर हुसैन और पूर्व भारतीय बल्लेबाज संजय मांजरेकर ने कमेंट्री करते हुए सवाल उठाए
एंटिगा:
मिताली राज जैसी अनुभवी खिलाड़ी को अहम मुकाबले से बाहर रखने का फैसले के कारण भले ही भारत को आईसीसी महिला विश्व टी20 सेमीफाइनल में इंग्लैंड से शर्मनाक हार झेलनी पड़ी लेकिन कप्तान हरमनप्रीत कौर ने कहा कि उन्हें इस फैसले पर कोई खेद नहीं क्योंकि इसे टीम के हितों को ध्यान में रखकर लिया गया था. भारतीय बल्लेबाज शुक्रवार को इंग्लैंड के खिलाफ खेले गए सेमीफाइनल मुकाबले में बुरी तरह नाकाम रहीं और पूरी टीम 112 रन पर सिमट गई. उसके आखिरी आठ विकेट 24 रन के अंदर गिरे और मैच के दौरान डगआउट में मायूस बैठीं मिताली का चेहरा पूरी कहानी कह रहा था.
टॉस के समय हरमनप्रीत ने कहा था कि यह मिताली के चयन की बात नहीं है, यह विजयी संयोजन को बनाए रखना भर है. लेकिन इस फैसले पर इंग्लैंड के पूर्व कप्तान नासिर हुसैन और पूर्व भारतीय बल्लेबाज संजय मांजरेकर ने कमेंट्री करते हुए सवाल उठाए. और ये सवाल मैच के परिणाम के बाद पूरी तरह दो सौ फीसदी सही साबित हुए. लेकिन हरमनप्रीत ने अपने निर्णय का बचाव किया. हरमनप्रीत ने मैच के बाद कहा कि हमने जो भी फैसला किया वह टीम के हित में किया. कई बार यह सही रहता है और कई बार नहीं. मुझे इसका खेद नहीं है. हमारी टीम ने पूरे टूर्नामेंट में जिस तरह से बल्लेबाजी की उस पर मुझे गर्व है. बहरहाल, जहां मिताली के स्ट्राइक रेट पर हमेशा सवाल उठाए जाते रहे हैं, लेकिन तानिया भाटिया भी तेजी से रन नहीं बना पा रही थी और वेदा कृष्णमूर्ति अच्छी फार्म में नहीं चल रही थी. ऐसे में सेमीफाइनल मुकाबले में एक अनुभवी बल्लेबाज को बाहर रखना भारत पर भारी पड़ गया.
हरमनप्रीत ने कहा कि यह हमारे लिए सीख है क्योंकि हमारी टीम युवा है. कई बार आपको विकेट के हिसाब से अपना खेल बदलना पड़ता है. इंग्लैंड ने वास्तव में अच्छी बल्लेबाजी की तथा विकेट को अच्छी तरह से समझा. लक्ष्य हासिल करना आसान नहीं था और हमारी गेंदबाजों ने भी अच्छी गेंदबाजी की. हम 18वें ओवर तक मैच खींचकर ले गईं. उन्होंने स्वीकार किया कि बड़े मैचों में मानसिक मजबूती एक मसला है और उनकी युवा टीम को इसमें खुद को बेहतर करना होगा.
driving gloves
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